30 मार्च

गृह मंत्रालय ने जातीय हिंसा रोकने के लिए मणिपुर ,अरुणाचल और नागालैंड में AFSPA कानून 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है | क्या है अफस्पा कानून


गृह मंत्रालय ने जातीय हिंसा रोकने के लिए मणिपुर ,अरुणाचल और नागालैंड में  6 महीने के लिए बढ़ा दिया है | क्या है अफस्पा कानून

www.topperskey.com



AFSPA का पूरा अर्थ

AFSPA का पूरा अर्थ है Armd Forces Special Power Act अर्थात सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम |

क्या है AFSPA कानून

  • अफस्पा कानून के अंतर्गत अशांत घोषित क्षेत्रों में शांति स्थापना के लिए सेना ,राज्य व केन्द्रीय पुलिस बलों को विशेष शक्ति प्रदान की जाती है |
  • अफस्पा कानून के अंतर्गत संदेह होने पर किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकता है |
  • अफस्पा कानून के अंतर्गत किसी स्थान पर पाँच या पाँच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाई जा सकती है |
  • अफस्पा कानून के अंतर्गत चेतावनी कअ उल्लंघन करने पर सेना को गोली मारने का अधिकार है |
  • अफस्पा कानून के अंतर्गत बिना बारंट के किसी के घर पर भी तलाशी ली जा सकती है |
  • अफस्पा कानून के अंतर्गत राज्य का राज्यपाल या संघ राज्यक्षेत्र का प्रशासक या केन्द्रीय सरकार , जैसा भी मामला हो, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा पूरे राज्य या संघ राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग को अशांत क्षेत्र घोषित कर सकता है |
  • अशांत क्षेत्र वह क्षेत्र है जो जिसमें स्थिति इतनी खतरनाक हो गई है कि नागरिक शक्ति की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक हो गया हो ।
अफस्पा कानून कब लागू हुआ
  • 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के नेतृत्वहीन व हिंसक होने की स्थिति में तत्कालीन वायसराय लिनलिथगो ने सशस्त्र सेना (विशेष शक्तियां) अध्यादेश -1942 लागू किया था |
  • आजादी के बाद अफस्पा कानून पहली बार असम में नागा उग्रवाद को रोकने के लिए लागू किया गया था |
  • विद्रोही नागा नेशनलिस्ट काउंसिल के अंतर्गत 1952 में असम आम चुनाव का वाहिष्कार किया गया ,जिससे निपटने के लिए 1953 में असम लोक व्यवस्था रखरखाव (स्वायत जिला)अधिनियम लागू किया गया |
  • स्थिति के ज्यादा बिगड़ जाने पर 1955 में असम अशांत क्षेत्र अधिनियम लागू किया गया |
  • नागा उग्रवाद को रोकने के लिए 22 मई 1958 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद द्वारा सशस्त्र बल (असम और मणिपुर )विशेष शक्तियां अध्यादेश लागू किया गया |
  • 1980 के दशक में जब पंजाब व केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़, खालिस्तान आंदोलन से जूझ रहे थे, उस दौरान 1983 में केंद्र सरकार ने सशस्त्र बल (पंजाब व चंडीगढ़ )विशेष शक्तियां अधिनियम लागू किया गया था |
  • 1990 में जम्मू और कश्मीर में उग्रवाद और विद्रोह को रोकने के लिए सशस्त्र बल (जम्मू और कश्मीर )विशेषाधिकार अधिनियम लागू किया गया |
  • अफस्पा अधिनियम में 1972 में संसोधन कर किसी क्षेत्र को अशांत घोषित करने कि शक्तियां राज्य के साथ साथ केंद्र सरकार को भी दे दी गयीं |

Please Share :-

Share on WhatsApp Share on Facebook Share on Instagram Share on Twitter

24 अगस्त

आतंकवाद के पीड़ितों के स्मरण और श्रद्धांजली का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of Remambrance and Tribute to the Victims of Terrorism)

 आतंकवाद के पीड़ितों के स्मरण और श्रद्धांजली का अंतर्राष्ट्रीय दिवस  (International Day of Remembrance and Tribute to the Victims of Terrorism)




आज के युग में आतंकवाद पूरे विश्व के लिए एक चेतावनी बन चुका है ,एक आतंकवादी के लिए मानव मूल्य ,सिद्धांत और मानवाधिकार कोई मायने नहीं  रखते  और जो भी आतंकवाद से पीड़ित होता है वह इसके डर से पूरी जिंदगी उभर भी नहीं पाता ,यहाँ तक की वह अपने चारों तरफ के वातावरण  से अपने आप को अलग ही पाता है |

आतंकवाद से प्रभावित इन्हीं परिवारों के लिए आतंकवाद के पीड़ितों के स्मरण और श्रद्धांजली का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है |

आतंकवाद के पीड़ितों के स्मरण और श्रद्धांजली का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने का कारण 

आतंकवाद के पीड़ितों के स्मरण और श्रद्धांजली का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने का कारण आतंकवाद से पीड़ितों के हकों तथा मनवाधिकारों  की रक्षा तथा पूरे विश्व का इकट्ठे होकर आतंकवाद पीड़ितों के साथ खड़े रहना है  |

नियुक्त दिन तथा कारण 

आतंकवाद के पीड़ितों के स्मरण और श्रद्धांजली का अंतर्राष्ट्रीय दिवस 21 अगस्त को हर वर्ष मनाया जाता है | 21 अगस्त  को चुनने का कारण यह है की , इसी दिन 2003 में इराक के बगदाद में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर आतंकवादी हमला हुआ था जिसमे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त सर्जियो विएरा डी मेलो के साथ 22 अन्य लोग मारे गए थे | 


आतंकवाद के पीड़ितों के स्मरण और श्रद्धांजली का अंतर्राष्ट्रीय दिवस की स्थापना 

संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 20 दिसंबर 2017 को 72/165 के प्रस्ताव के तहत इस दिवस की स्थापना की गई |

FAQ आतंकवाद के पीड़ितों के स्मरण और श्रद्धांजली का अंतर्राष्ट्रीय दिवस के बारे में पूछे गए सवाल 

Q1. विश्व आतंकवाद के पीड़ितों के समरण का दिवस कब मनाया जाता है ?
उत्तर :- 21 अगस्त को हर साल |



आगे पढ़ें :-


2.  AFSPA


Please Share :-

Share on WhatsApp Share on Facebook Share on Instagram Share on Twitter



Featured post

सामान्य ज्ञान बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर | प्रतियोगी परीक्षा के लिए हिन्दी GK MCQ (प्रश्नोत्तरी नंबर 10 )

सामान्य ज्ञान बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर | प्रतियोगी परीक्षा के लिए हिन्दी GK MCQ   (प्रश्नोत्तरी नंबर 10 ) लेख का उद्देश्य  : यह लेख प्रति...

Popular Posts