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जानें हर चीज कच्चातिवू द्वीप के बारे में | कच्चातिवू द्वीप श्रीलंका को कैसे मिला ?

  जानें हर चीज कच्चातिवू द्वीप के बारे में | कच्चातिवू द्वीप श्रीलंका को कैसे मिला ? दोस्तों  कच्चातिवू द्वीप का एक मुद्दा आज कल भारत देश में छाया हुआ है , आप सभी की इच्छा होगी इस द्वीप के बारे में जानने की | आप सभी जानना चाहते होंगे   कच्चातिवू द्वीप के इतिहास के बारे में यह द्वीप कहाँ है किस के स्वामित्व में है तथा और भी बहुत कुच्छ | आज मैं आप को  कच्चातिवू द्वीप के बारे में कुछ अनजाने तथ्य बताने जा रही हूँ जो श्याद आप को मालूम नहीं हैं | कच्चातिवू द्वीप कहाँ है ? कच्चातिवू द्वीप भारत और श्रीलंका के बीच पाक जलडमरू मध्य स्थित एक स्थान है | यह 285 एकड़ में फैला हुआ है | यह द्वीप भारत के रामेश्वरम से लगभग 14 समूद्री मील तथा श्रीलंका के जाफना से 19 किलोमीटर दूर है |यह द्वीप बंगाल की खाड़ी और अरब सागर को एक तरह से जोड़ता हुआ दिखता है |  इस द्वीप में एक सेंट एंथोनी चर्च है जो 20 वीं सदी में बना था |  कच्चातिवू द्वीप पर अधिकार :- 1505 से  1658 ई o  तक इस द्वीप पर पुर्तगालियों का शासन था | फिर इस पर 17 वीं शताब्दी तक रामनद साम्राज्य का शासन रहा | अङ्ग्रेज़ी शासन के दौरान यह मद्रास प्रेसीडेंस

Vinayak Damodar Savarkar |जानें कौन थे विनायक दामोदर सावरकर

 Vinayak Damodar Savarkar  | जानें कौन थे विनायक दामोदर सावरकर 

Vinayak Damodar Savarkar  |जानें कौन थे विनायक दामोदर सावरकर
विनायक दामोदर सावरकर भारत के स्वतंत्रता सेनानी ,समाज सुधारक, इतिहासकार,राजनेता और उच्च कोटी के विचारक थे | "हिन्दुत्व" की राजनैतिक विचारधारा को विकसित करने का श्रेय विनायक दामोदर सावरकर को ही जाता है | 

विनायक दामोदर सावरकर का जन्म  :- विनायक जी का जन्म 28 मई 1883 में बम्बई प्रेसीडेंसी के जिला नासिक के गाँव  भागूर में हुआ |उनकी माता जी राधाबाई और पिताजी दामोदर पंत सावरकर थे |इनके गणेश व नारायण दामोदर सावरकर नाम के दो भाई तथा नैनाबाई नाम की एक बहन थी |

विनायक दामोदर सावरकर की शिक्षा  :-  विनायक जी ने शिवाजी हाई स्कूल नासिक से मैट्रिक पास की तथा पुणे में फर्ग्यूसन कॉलेज से स्नातक हुए|  वे क्रांतिकारी छात्रों के लिए इंडियन होम रूल सोसायटी के संस्थापक श्याम जी कृष्ण वर्मा की सहायता से लंदन के ग्रेज़ इन लॉ कॉलेज मे कानून की पढ़ाई के लिए चले गए और 1909 में वार एट लॉ की परीक्षा उतीर्ण की |8 अक्तूबर 1949 को उन्हें पुणे विश्वविद्यालय द्वारा डी लिट की मानद उपाधि दी गई |

विनायक दामोदर सावरकर का विवाह  :- विनायक जी का विवाह 1901 में रामचन्द्र त्रयम्बक चिपलूणकर की बेटी यमुनाबाई के साथ हुआ |विनायक जी के पुत्र का नाम विश्वास सावरकर और पुत्री का नाम प्रभात चिपलूणकर था |

विनायक दामोदर सावरकर का क्रांतिकारी जीवन वृत :- विनायक जी में देशभक्ति की भावना कूट कूट कर भरी हुई थी, उन्होने अपनी उच्च शिक्षा के दौरान देशभक्ति की भावना को भावना को बढ़ाने के लिए नवयुवकों को इकट्ठा कर के मित्र मेलों का आयोजन किया |

अभिनव भारत नाम के क्रांतिकारी संगठन की स्थापना विनायक जी द्वारा 1904 में की गई | इन्होंने "द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेण्डेंस : 1857" लिखी जो किसी प्रकार से हॉलैंड में प्रकाशित हुई तथा पीक वीक पेपर्स व स्काउट्स पेपर्स के नाम से भारत पहुंचाई गई | विनायक जी को ब्रिटिश सरकार द्वारा 24 दिसंबर 1910 और 31 जनवरी 1911 को दो बार आजीवन कारावास की सजा  सुनाई गई | कलेक्टर  जैकसन  की  हत्या  के लिए उन्हें  7 अप्रैल 1911 को काला पानी की सजा सुनाई गई लेकिन 1920 में वल्लभ भाई पटेल और बाल गंगाधर तिलक जी के कहने पर ब्रिटिश सरकार द्वारा उन्हें रिहा कर दिया गया | 

मृत्यु  :- 01 फरवरी 1966 को विनायक जी ने मृत्युपर्यंत उपवास रखने का निर्णय लिया तथा 26 फरवरी 1966 को भारतीय समय के अनुसार सुबह 10 बजे मृत्यु को प्राप्त हुए | 


FAQ

प्र1.सावरकर जी को कालापानी की सजा क्यों हुई थी ?

उत्तर :- सावरकर जी को कालापानी की सजा 07 अप्रैल 1911 को नासिक जिले के कलेक्टर जैक्सन की हत्या के लिए नासिक षड्यंत्र काण्ड के अंतर्गत हुई थी |

प्र2:- राजनैतिक विचारधारा "हिन्दुत्व" का जनक है ?

उत्तर :- 'हिन्दुत्व' शब्द का इस्तेमाल पहली बार 1892 में चंद्रनाथ बसु ने किया था और बाद में विनायक दामोदर सावरकर द्वारा इस शब्द को लोकप्रिय किया गया |

प्र3. लंदन में अभिनव भारत के संस्थापक कौन थे ?

उत्तर :- अभिनव भारत की स्थापना विनायक दामोदर सावरकर और गणेश दामोदर सावरकर द्वारा की गई |

प्र4. विनायक दामोदर सावरकर को वीर की उपाधि किस ने दी ?

उत्तर :-1936 में प्रसिद्ध नाटक और फिल्म कलाकार ,पत्रकार ,शिक्षाविद ,लेखक व कवि पी के अत्रे द्वारा पुणे के बालमोहन थियेटर में आयोजित  स्वागत कार्यक्रम में सावरकर जी को "स्वातंत्र्यवीर' की उपाधि से संबोधित किया गया |

प्र5 : सावरकर  जी ने आमरण अनशन क्यों किया ? 

उत्तर :- सावरकर जी का मानना था की अगर किसी समाज के लिए आप की उपयोगीय समाप्त हो जाये तो अपनी इच्छा से शरीर छोड देना एक महान कार्य है अत: उन्होने आमरण अनशन किया और 26 फरवरी 1966 को उनका निधन हुआ |


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