03 अप्रैल

थाईलैंड की पी एम शीनवात्रा ने बैंकॉक में प्रधानमंत्री मोदी को “ द वर्ल्ड त्रिपिटक: सज्जया फोनेटिक एडीशन” भेंट की || जानें त्रिपिटक के बारे में

थाईलैंड की पी एम शीनवात्रा ने बैंकॉक में प्रधानमंत्री मोदी को “ द वर्ल्ड त्रिपिटक: सज्जया फोनेटिक एडीशन” भेंट की || जानें त्रिपिटक के बारे में

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त्रिपिटक किसे कहते है ?


त्रिपिटक का शाब्दिक अर्थ है तीन टोकरियाँ अर्थात बौद्ध धर्म के ग्रंथों का समूह जिसे त्रिपिटक कहते हैं , इसके तीन भाग हैं |

(क) सूत्त पिटक

(ख) विनय पिटक

(ग) अभिधम्म पिटक

सूत्त पिटक में भगवान बुद्ध के प्रवचन उल्लिखित हैं , विनय पिटक में मठ में वास करने के नियम तथा अभिधम्म पिटक में प्रसिद्ध भिक्षुयों और विद्वानों द्वारा सूत्रों पर व्याख्याएँ दी गयीं हैं |यह ग्रंथ मुख्यत: पाली भाषा में लिखा हुआ है तथा इस ग्रंथ का कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है |

त्रिपिटक की रचना

त्रिपिटक का रचना काल 100 से 500 ईसा पूर्व है | कहा जाता है की त्रिपिटक तीन संगीतियों मे स्थिर हुई जो बौद्ध धर्म के उत्थान के लिए बुलायी गई थी | पहली संगीती महाकाश्यप स्थवीर द्वारा राजगृह में बुलाई गई थी | दूसरी संगीती बुद्ध परिनिर्वाण के 100 बर्ष बाद बैशाली में बुलाई गई तथा तीसरी संगीती बुद्ध परिनिर्वाण के 236 बर्ष बाद पाटलिपुत्र में सम्राट अशोक के समय तिस्स मोग्गलिपुत्र ने बुलाई थी |


मोदी जी को भेंट किए गए संस्करण का इतिहास 

मोदी जी को पवित्र ग्रंथ “ द वर्ल्ड त्रिपिटक: सज्जया फोनेटिक एडीशन” भेंट किया गया | यह पाली और थाई में लिखा गया है | यह संस्करण राज्य भूमिबोल अदुल्यादेज और रानी सिरीकित के 70 बर्ष के शासन काल की स्मृति में 2016 में थाई सरकार ने “ विश्व टिपिटका परियोजना” के हिस्से के रूप में प्रकाशित किया था |

राजा भूमिबोल 

राजा भूमिबोल थाई सम्राट का सबसे लंबा शासन काल चलाने वाले राजा थे,उनका जन्म 5 दिसंबर 1927 को कैम्ब्रिज मैसाचुसेट्स अमेरिका में हुआ तथा उनका राज तिलक 5 मई 1950 को हुआ था , उन्होंने 70 बर्ष 126 दिन थाईलैंड पर शासन किया |


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01 अप्रैल

विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस |World Autism Awareness day (02 April)



विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस |World Autism Awareness day


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02 अप्रैल को हर साल विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाया जाता है , आप सभी इस लेख में इस दिवस के महत्व तथा इतिहास के बारे में विस्तृत रूप से जानेंगे |

ऑटिज्म क्या है ?

ऑटिज्म को ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर भी कहा जाता है | इसमें व्यक्ति के मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ता है तथा उनका मानसिक विकास धीमा होता है | ऑटिज्म से प्रभावित व्यक्ति संसार को अलग नजर से देखता है तथा उसे व्यवहार ,संचार तथा संकेतों को समझने में कठिनाई आती है |


विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस क्यों मनाया जाता  है ?


दोस्तों विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस लोगों में ऑटिज्म से प्रभावित बच्चों और किसी भी आयु वर्ग के लोगों के बारे में सही जानकारी देना है ताकि ऑटिज्म से प्रभावित व्यक्ति अन्य लोगों कि तरह सामान्य जीवन जी सकें |यह दिन इसलिए मनाया जाता है ताकि ऑटिज्म से प्रभावित व्यक्ति भी आत्मनिर्भर बन सके ,उनके मौलिक अधिकारों तथा मानवाधिकारों कि सुरक्षा हो सके ,उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधाएं दी जा सकें और साथ ही अच्छी शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान किए जा सकें |


विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाने का निर्णय कब लिया गया ?


18 दिसंबर 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस को आधिकारिक रूप में मान्यता मिली तथा 2 अप्रैल को हर साल
विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाने का फैसला लिया गया |पहला
विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस 2008 में मनाया गया था |


विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस कैसे मनाया जा सकता है ?


विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस के दिन शैक्षणिक संस्थाओं , सरकारी तथा गैर सरकारी कार्यालयों में सैमीनार ,भाषण ,संवादात्मक चर्चा तथा वर्कशॉप आयोजित किए जा सकते हैं | सरकारें इस दिन ऑटिज्म से प्रभावित व्यक्तियों के लिए बेहतर कानून ला सकती हैं |



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