सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Featured post

जानें हर चीज कच्चातिवू द्वीप के बारे में | कच्चातिवू द्वीप श्रीलंका को कैसे मिला ?

  जानें हर चीज कच्चातिवू द्वीप के बारे में | कच्चातिवू द्वीप श्रीलंका को कैसे मिला ? दोस्तों  कच्चातिवू द्वीप का एक मुद्दा आज कल भारत देश में छाया हुआ है , आप सभी की इच्छा होगी इस द्वीप के बारे में जानने की | आप सभी जानना चाहते होंगे   कच्चातिवू द्वीप के इतिहास के बारे में यह द्वीप कहाँ है किस के स्वामित्व में है तथा और भी बहुत कुच्छ | आज मैं आप को  कच्चातिवू द्वीप के बारे में कुछ अनजाने तथ्य बताने जा रही हूँ जो श्याद आप को मालूम नहीं हैं | कच्चातिवू द्वीप कहाँ है ? कच्चातिवू द्वीप भारत और श्रीलंका के बीच पाक जलडमरू मध्य स्थित एक स्थान है | यह 285 एकड़ में फैला हुआ है | यह द्वीप भारत के रामेश्वरम से लगभग 14 समूद्री मील तथा श्रीलंका के जाफना से 19 किलोमीटर दूर है |यह द्वीप बंगाल की खाड़ी और अरब सागर को एक तरह से जोड़ता हुआ दिखता है |  इस द्वीप में एक सेंट एंथोनी चर्च है जो 20 वीं सदी में बना था |  कच्चातिवू द्वीप पर अधिकार :- 1505 से  1658 ई o  तक इस द्वीप पर पुर्तगालियों का शासन था | फिर इस पर 17 वीं शताब्दी तक रामनद साम्राज्य का शासन रहा | अङ्ग्रेज़ी शासन के दौरान यह मद्रास प्रेसीडेंस

सामान्य ज्ञान बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर | GK MCQ Questions and Answers (प्रश्नोत्तरी नंबर 2)

 सामान्य ज्ञान बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर | GK MCQ Questions and Answers


सामान्य ज्ञान बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर | GK MCQ Questions and Answers (प्रश्नोत्तरी नंबर 2)


 प्रश्नोत्तरी नंबर 2
GK MCQ
HPAS, HPTET, CTET, UPSC,NDA,CDS,Bankingऔर अन्य प्रतियोगिताओं के लिए


सामान्य ज्ञान बहुविकल्पीय प्रश्न |GK MCQ

Q.1 :- फ़ाहयान किस शासक के समय भारत आया  ?  
(ए)  हर्षबर्धन
(बी) चन्द्रगुप्त द्वितीय 
(सी) बिम्बीसार



Q.2 :- हैनसैंग  भारत कौन से शासक के समय आया था 
(क) बिम्बीसार 
(ख) चन्द्रगुप्त द्वितीय 
(ग)  हर्षबर्धन 


बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर l MCQ Questions and Answers

Q.3 :- हर्यंक राजवंश के संस्थापक कौन थे  ?
(क) बिम्बीसार
(ख) कुणीक  
(ग) उदयिन


Q.4 :-पहली बौद्ध संगीती किस शासक ने कारवाई  ?
(क) चन्द्रगुप्त 
(ख) बिम्बीसार  
(ग) अजातशत्रु  


Q.5 :- पाटलीपुत्र का गठन किसने किया ?

(a) उदयिन 
(b) अजातशत्रु 
(c) हर्षबर्धन  
 

टिप्पणियाँ