विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस |World Autism Awareness day
ऑटिज्म क्या है ?
ऑटिज्म को ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर भी कहा जाता है | इसमें व्यक्ति के मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ता है तथा उनका मानसिक विकास धीमा होता है | ऑटिज्म से प्रभावित व्यक्ति संसार को अलग नजर से देखता है तथा उसे व्यवहार ,संचार तथा संकेतों को समझने में कठिनाई आती है |
विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस क्यों मनाया जाता है ?
दोस्तों विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस लोगों में ऑटिज्म से प्रभावित बच्चों और किसी भी आयु वर्ग के लोगों के बारे में सही जानकारी देना है ताकि ऑटिज्म से प्रभावित व्यक्ति अन्य लोगों कि तरह सामान्य जीवन जी सकें |यह दिन इसलिए मनाया जाता है ताकि ऑटिज्म से प्रभावित व्यक्ति भी आत्मनिर्भर बन सके ,उनके मौलिक अधिकारों तथा मानवाधिकारों कि सुरक्षा हो सके ,उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधाएं दी जा सकें और साथ ही अच्छी शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान किए जा सकें |
विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाने का निर्णय कब लिया गया ?
18 दिसंबर 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस को आधिकारिक रूप में मान्यता मिली तथा 2 अप्रैल को हर साल
विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाने का फैसला लिया गया |पहला
विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस 2008 में मनाया गया था |
विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस कैसे मनाया जा सकता है ?
विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस के दिन शैक्षणिक संस्थाओं , सरकारी तथा गैर सरकारी कार्यालयों में सैमीनार ,भाषण ,संवादात्मक चर्चा तथा वर्कशॉप आयोजित किए जा सकते हैं | सरकारें इस दिन ऑटिज्म से प्रभावित व्यक्तियों के लिए बेहतर कानून ला सकती हैं |
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