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Holika Dahan Katha | जानें होलिका दहन की क्या कहानी है

  Holika Dahan Katha | जानें होलिका दहन की क्या कहानी है  Amazing Facts (अद्भुत रहस्य ) दोस्तों जैसा की आप सभी को मालूम है हिन्दू धर्म में बहुत से पर्व मनाए जाते है और इनमें कई पर्व ऐसे हैं जो बुराई पर अच्छाई की जीत की विजय के रूप में मनाए जाते हैं | इन्हीं पर्वों मे से एक है होली तथा होलिका दहन का उत्सव | होलिका दहन कब मनाया जाता है :- होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को रंगों बाली होली खेलने से एक दिन पहले मनाया जाता है | होलिका दहन के पीछे की कहानी  :- विष्णु पुराण के अनुसार सतयुग में महर्षि कश्यप और उन की पत्नी दिति के दो पुत्र हुए जिन का नाम हिरण्यकशिपु और हिरण्याक्ष रखा गया |  हिरण्याक्ष का बद्ध भगवान ने वराह अवतार लेकर किया था | हिरण्यकशिपु ने कठिन तपस्या के द्वारा ब्रह्मा जी से यह वरदान प्राप्त किया की उसे ना तो कोई मनुष्य मार सके ना ही कोई पशु ,वह ना तो दिन मे मरे ना रात को ,ना घर के अंदर ना बाहर ,ना किसी शस्त्र से ना किसी अस्त्र से | यह वरदान प्राप्त कर के वह अहंकारी हो गया , उस ने इन्द्र लोक को जीत लिया तथा तीनों लोकों को कष्ट देने लगा, वह चाहता था को सभी लोग उसे भगवान मा
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